لك الحـمد
كل الحـمـد
يا رب أسـعـد |
= |
نـفوسا بـهذا
الجـمع للخـير
تـنـتـدي |
وصـل صـلاة
ثـم سـلـم
سـلامـكا |
= |
على
أكـرم الخـلق
نـبـيـنا
مـحـمـد |
وآلـه
وأصحـابـه
دوامـا ومـن
تـبـع |
= |
هـداه
ومـن والاه
في سـلك
مـن هـدي |
أيا أيـها
الحـفل الكـريم
بذا اغـتـبـط |
= |
بـذا
الاحـتـفـال
والحـفـاوة
والـيـد |
وجـوها
عـلاها البـشر
في حشـدنا
أرى |
= |
تـدل
على الإخـلاص
فـي كل مـقـصد |
جهـود
بـذلـنـاها
بـسـتـة
أشـهر |
= |
لنـجـني
جـنـاها
اليـوم يـا
رب سـدد |
عـكفـنا
على الدبـلوم
في لغـة
العـرب |
= |
على
المسـتـوى
الراقـي
بكل الشـدائـد |
لقـد
تابـع الدبـلوم
قـلبـا وقـالـبـا |
= |
ثـلاثـة
عـشر باصـطـيـاد
الفـوائـد |
هـم
الآن أشـبـال
وفيـهـم
قـرائـح |
= |
كـذلـك
إبــداع
وجــودة
نـاقــد |
لقـد نـجـحوا
إثر الثـبـات
بـغـايـة |
= |
فـأصحـاب
أعـمـال
وآمـال فـرقـد |
بـجـد
وعـزم قـد
تلـقـوا
دروسـهم |
= |
ومـا هـمـهـم
إلا عـلـوم
الأراشــد |
فـمـا
أشـرق الأيـام
أيـام درســنـا |
= |
ومـا أسـعد
السـاعات
سـاعات عسـجد |
فذي
صفـحة تشـرق
بـتاريـخ
علـمنا |
= |
فنـعـتـز
بالإنـجـاز
فالـخـالق
احـمد |
ليسـطر
ذا اليـوم
بـخـط من
الذهـب |
= |
وهي
ثـورة فـي
بـنت عـدنـان
فاشـهد |
نـخـلد ذكـراها
بنـشـر مـجـلـة |
= |
وتـحـكي
الوقـائع
والأمـانـة
تـرتـدي |
فخـذ ما
صفا فيـها
ودع ما كـدر
بـها |
= |
عـسى اللـه
أن يـنـفع
بـها كل
قاصـد |
وفـي نـدوة
الرحـمانـيـين
فـضائـل |
= |
لـهـا
الفـضل في
الدبـلوم
في كل مشـهد |
وقـف
أيـها الدهـر
لـنا لـحـظة
هـنا |
= |
أقـم
شـاهـدا
للــه خـير
الشـواهـد |
على مـثل
هـذا اليـوم
في أرض مـهـدنا |
= |
فأنـصـف
وخـذ هـذا
إلـى كل
مـورد |
ألا
أيـها اللـذ
بالعـروبـة
تـفـتـخـر |
= |
فحـى
هـلا يـوما
ودونـك مـقـعـدي |
ألـم
تـر أن اللــه
أوجـد بـيـنـنـا |
= |
هـنا في
سـريـلانـكا
رجـال الفـرائـد |
وفي
لـغـة الـضـاد
نـقـوم بـدورنـا |
= |
أعـاجـم
نـحـن قـل
لـمن في
عطـارد |
مـسـاعـي
رجـال لزيـادة
علـمـهم |
= |
بـعمـق
تـحـالـفـها
سعـادة سـؤدد |
وريـب
وسـؤل في
فـؤاد الذي
امتـرى |
= |
عن
الـخـير
في الدبـلوم
في يـوم
ابتـدى |
جـلا
للجـميع
الجـو والشـك
قد خـلا |
= |
أجـابـهم
الدهـر أتـى
بالـمـحـامـد |
نسـبح
مـولانا
بـحـمـده
مـنـجـزا |
= |
ونـرجـو
مـن الرحـمن
مـا لـم
نـزود |
لتـوسـيع
علـمنا وتعـمـيق
فهـمـنا |
= |
دعـا العـصـر
فـي الآفـاق
والحـق ردد |
من
العـلم منـقـول
ومـنـه بـلا
مـرا |
= |
كـذلـك مـعـقـول
وبـالحـق
غــرد |
ومن
منـهما يـحـظـظ
بفهم وحكـمة |
= |
يـفـد ويـجـد
بـين الأنـام
ويـصعـد |
وعـلم
بـلا فـهم
يـسـود زمـانـنـا |
= |
لـهو
خـطر أكـبر
من الـجـهل
فاهـتد |
وصـول
الحـلـيـم
للأدلـة
مـا عـنى |
= |
نـهـايـة
عــلـم قـط
يـا ذا التـودد |
وفـهـم صـحـيح
للأدلـة
مـتـقـن |
= |
لقـد
قـل من يـحسـنه
في الناس
يا جدي |
علـيك بتـضـعيـف
الجـهود
عـلى ولا |
= |
لكـى
تـرتـقي
في العـلم
والفـهم
بالغـد |
ألا كل مـا
مـر ليــدعـوك
جـازمـا |
= |
إلى
أن تـجـيـد
الضـاد يا
صـاح جـود |
قبـلـنا
قديـمـا
نافـعـا
في حـياتـنا |
= |
كـذاك
جـديـدا
صـالـحـا
لا تــردد |
لقـد وضـح
الدرب بسـعى
الأسـاتـذة |
= |
أنـاروا
لـنـا النـهـج
إنـارة مـرشـد |
وقد
أصلـحوا
الغابـات
بالكـد والتـعب |
= |
كما
عبـدوا الطـرق
ليـسلـك
مهـتـد |
فنـعـرف
للـكل الجـميـل
وقـد بـنوا |
= |
فـلا
نـهـدم ما
شـيـدوا
بالتـجـاهـد
|
وفيـنا من
الأسـقـام
ما سـبب
الكـسل |
= |
وقــوم
مـصـاب بالجـمـود
كـراقـد |
بلـينـا
بأمـراض
أتـت من
خـمولـنـا |
= |
ومن
هـو مـصـاب
بالخـمول
كـراكـد |
عـرضـت عليـكم
ما كنـنت
بـبالـيا
|
= |
دعـوت
إلى صـنـع
عـجـائـب
قائـد |
نعـوذ بـرب
الخـلق من
شـر ما خـلق |
= |
ومـن
شـر مـكار
ومـن شـر
حـاسـد |
وقـلـبي
إلى مـولاى
بالشـكر
متـجـه |
= |
وشكـري
لكم بالحـب
في ذيـل
منـشدي |
صـلاة سـلام
في الخـتـام
مـن الغـني |
= |
على
قـرة الأعـين
حـبـيـبي
وسـيـدي |